मुनि विहर्ष सागरजी को तीर्थ रक्षक शिरोमणि उपाधि

 18 दिसंबर के लालकिला मैदान पर आयोजित भव्य, ऐतिहासिक और विशाल समारोह में श्रमण संस्कृति के अग्रहो विराग से ओतप्रोत, वात्सल्य भरा सरोवर, आज हिल्लौर कर निर्झर झरने सा, उमड़-उमड़कर, श्रमणों का आराध्य तीर्थंकरों की पगरज, भूमि की रक्षा को सिंह की गर्जना कर रहा है, अभिजात आराधक, श्रमण परंपरा के उन्नायक महायोगी श्रमण मुनिश्री विहर्ष सागरजी को तीर्थ रक्षक शिरोमणि का उपाधि से भारत की समस्त जैन समाज की ओर से अलंकृत किया गया।  



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