राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की सदस्य भारत सरकार रिनचेन ल्हामो

 प. पू. झारखण्ड राजकीय अतिथि श्रमण मुनि श्री विशल्यसागर जी गुरुदेव के आशीर्वाद लेने के लिए आयी। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की सदस्य भारत सरकार रिनचेन ल्हामो नई दिल्ली ।

पू. गुरुदेव के दर्शन से उन्होनें हार्दिक अभिव्यक्ति प्राप्त हुई ।पू . गुरूदेव से जैन धर्म के वाले में तत्वचर्चा की। पू. गुरुदेव ने अहिंसा, सत्य  का उपदेश दिया और कहा कि हमारा ये जीवन पांच अहिंसा रुपी सिद्धान्तों पर टिका है हमें अपने जीवन में इन सिद्धान्तों को आत्मसत् करना चाहिए हमें अहिंसा ,सत्य आदि को जीवन में अपनाना चाहिए। एवं पू . गुरुदेव की तीर्थंराज सम्मेद शिखर जी की रक्षा के विषय में भी चर्चा हुई उन्होंने कहा कि ये सम्मेद शिखर हमारा शाश्वत पर्वराज है उसकी पवित्रता की रक्षा करना हमारा धर्म एवं कर्तव्य है।उसकी पवित्रता का हमें पूरा - पूरा ध्यान रखना चाहिए। एवं उसके लिए प्रयास करना चाहिए । रिनचेन ल्हामो ने  भी गुरुदेव को आश्वासन दिया और कहा कि मैं अपने सदस्यता के साथ वहा जरूंगी एवं पूरा प्रयास करूंगी ।तीर्थंराज के लिए।और भी अन्य विषयों पर पू . गुरुदेव से गहन चर्चा की। तत्वचर्चा होने के बाद रिनचेन ल्हामो ने  कहा कि हे गुरुदेव आपके जीवन से हमें विभिन्न शिक्षा मिलती है आपका जीवन हमरे लिए प्ररेणा दायक है आज आपके दर्शन से मेरा जीवन धन्य हो गया। खूब गदगद भावों से पू. गुरुदेव को नमन ,वदन किया और कहा कि मेरा पूरा प्रयास रहेगा तीर्थंराज सम्मेद  शिखर जी के लिए ।जो उसकी पवित्रता है वह शाश्वत रहे। मेरा पूरा प्रयास रहेगा



इसकी रक्षा के लिए ।

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