है दुआ से चन्द रिश्ते
चन्द बातें, चन्द क़िस्से
ऊँघते हैं आँख मूँदे
चन्द घड़ियाँ, चन्द लम्हे
जा रहे हैं बात करते
है दुआ से चन्द रिश्ते
चन्द रिश्ते बददुआ- से
छूटने को हैं तरसते
जाल में फँसकर परिन्दे
बज़्म सारी कह रही है
शे 'र अच्छे हैं 'कपिल 'के
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कपिल कुमार
बेल्जियम
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