[8:27 PM, 7/20/2023] Neelam: 5जुलाई को कर्नाटक के बेलगावी जिले के चिक्कोडी कस्बे में साधनारत जैन आचार्य श्री कामकुमार नंदी जी की अपहरण करके नृशंस हत्या करके उनके भौतिक शरीर के टुकड़े-टुकड़े करके बोरवेल में फेंक दिया गया था।इस निर्मम हत्या के विरोध में जैन समाज द्वारा आज पूरे भारतवर्ष में बन्द के साथ रैलियां निकाली गई।इसी सन्दर्भ में आयोजित सभा में श्रमण श्री विशल्य सागर जी ने सम्बोधित करते हुये कहा कि यह कुकृत्य राम कृष्ण महावीर के देश की संस्कृति पर जघन्य कुठाराघात हैं।यह भारत के इतिहास में अतिनिन्दनीय क्रूरतम काला अध्याय है।दिगम्बर जैन साधु का किसी से वैरभाव नहीं होता।फिर निग्रन्थ मुनियों के साथ यदि देश में ऎसा अक्षम्य अपराध होता है तो न यह देश बचेगा, न यहाँ की संस्कृति बचेगी और न ही प्रकृति बचेगी।भारत का विश्व गुरु बनने का सपना चूर-चूर होकर तिरोहित हो जायेगा।मुनिश्री ने हुंकार भरते हुये कहा कि विश्व में भारत ही एकमात्र देश है जहाँ विभिन्न धर्म,मत,सम्प्रदाय,बोली, भाषा और संस्कृति के लोग रहते हैं। सबको सुरक्षा और संरक्षण देना केन्द्र सरकार की जिम्मेदारी हैं।उन्होंने सभी राज्यों में दिगम्बर संतो की सुरक्षा के लिये निकाय गठित करने की पुरजोर मांग की ।उन्होंने कहा कि भारत अपनी सांस्कृतिक विरासत व विशिष्ट संस्कृति के लिए पहचाना जाता है।लेकिन यहाँ पिछले कुछ वर्षो में साधु-संतों खासकर जैन साधुओं पर जगह-जगह उपसर्ग होते रहे हैं जो चिन्तनीय है। विगत दिनों में हुई निर्मम हत्या से जैन समाज मर्माहत व आक्रोशित हैं। सभा में सभी ने एक स्वर में इस घटना की घोर भर्त्सना की गई।इस जघन्य घटना के विरोध में भागलपुर जैन समाज द्वारा 26 जुलाई को सभी प्रतिष्ठान बंद रखे जायेंगे और विरोध रैली भी आयोजित की जायेगी।संयोगवश भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री शाहनवाज हुसैन मुनिश्री का दर्शन करने पहुँचे और उन्होंने मुनिश्री को श्रीफल अर्पित करके आशीर्वाद लिया। जब उन्हें कर्नाटक में दिगम्बर साधु की निर्मम हत्या के बारे में जानकारी दी गयी तो इस लोमहर्षक घटना को सुनकर एकबारगी वो निशब्द व स्तब्ध रह गये।उन्होंने कहा कि जैन साधुओं की इस तरह निर्मम हत्या स्वतंत्र भारत में पहली बार सुनने में आयी है। उन्होंने पूरे घटनाक्रम की जानकारी लेते हुये मुनिश्री को आश्वस्त किया कि केंद्रीय स्तर पर इस संगीन मुद्दे को मैं अवश्य उठाऊंगा और साधु-संतों के संरक्षण हेतु निश्चित ही इस पर संज्ञान लेकर जरूरी कदम उठाये जायेंगे।
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