आने की ख़बर


तेरे आने की ख़बर से,

मुस्कुरा जाते हैं लब,

उन पर होती है,

एक ही ध्वनि कि आओगे कब।


तेरे आने की ख़बर से,

रात बहुत लंबी कटती है,

किरण सूरज की बहुत देर बाद दिखती है,

बेताबी का आलम ये होता है कि,

हृदय कहता है ज़्यादा न तड़पाओगे अब।


नैना रास्ता देखते है,

जैसे विद्यार्थी छुट्टी की राह तकते हैं,

दिलासा देते रहते हैं कि,

जल्दी ही मुलाकात होगी,

सामने बैठाकर दिनभर उनसे बात होगी,

मिलने की आरज़ू बढ़ती ही जा रही है,

रहा नही जा रहा,

उम्मीद नही थी इतना सताओगे तुम अब।


ममतांश अजीत

बहरोड़ अलवर राजस्थान


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