" यही प्यार का सफर है
जितना प्यार
उतनी रुसवाई भी है
कभी मिलन
तो कभी जुदाई भी है
यही प्यार का सफर है
बढ़कर थाम लेते हो
कभी एक हिचकोले के बाद
कभी मुड़ कर भी नहीं देखते
बेदम गिरने के बाद
यही प्यार का सफर है
प्यार वर्षों का बित जाता है
लम्हों की तरह
रुसवाई पलों की नहीं कटती
वर्षों की तरह
यही प्यार का सफर है
तुम्हारे रूठने पर
लगता कोई अपना नहीं
मुस्कुरा दो तो लगता है
जीवन सपना तो नहीं
यही प्यार का सफर है
यही प्यार का सफर है। "
धन्यवाद
डा.श्रीमती राजकुमारी वी. अग्रवाल शुजालपुर मंडी मध्य प्रदेश
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