देव दर्शन जाने के सोचने मात्र से 1000उपवास के समान,दर्शन हेतु निकलने पर लाख उपवास के समान फल मिलता है व जिनवर के दर्शन से कोटिकोटि कर्मों की निर्जरा होती है।
वासुपूज्य भगवान की स्तुति करते हुये आचार्य समन्तभद्र स्वामी कहते हैं कि जब सौधर्म इंद्र अपनी 2 आंखों से भगवान को देखकर तृप्त नहीं होता तो वह अपनी दोनों आंखों को सहस्त्र1000 कर लेता है।भक्तामर में मानतुंग आचार्य लिखते हैं "दृष्ट्वा भवन्ति मनिमेष विलोकनीयम.... भगवान के दर्शन बिना पलक झपकाये लगातार करने के बाद अब दुनियां में ऐसी कोई दूसरी चीज नहीं रह गयी जिसे देखने की वांछा शेष रह जाय।
ऐसी है महानता जिन दर्शन की।प्रतिमा में स्थापना होने के बाद आचार्य पूज्यपाद स्वामी कहते हैं कि "अब ये वही है"अर्थात प्रतिमा ही जिन है।मतलब जिन प्रतिमा के दर्शन से भी महान कर्म की निर्जरा होती है व भाव विशुद्धि हो जाय तो मिथ्यात्व का नाश होकर सम्यक्त्व की प्राप्ति तक हो जाती है।
ऐसा है नित्य देव दर्शन का फल।आज प्राणी के पास हर बात का समय है सोने का,भोगने का, नहाने का,खाने का,पीने का,दुकान आफिस,किट्टी पार्टी,पर्यटनमें जाने का,मोबाइल देखने का ,चैट करने का, फालतू बातें दुनियां भर की ,सब बातों के लिए समय है,पर पूछो मंदिर जाते हो तो उत्तर मिलता है टाइम ही नहीं है।कुत्ते को टहलाकर पौटी कराने, बच्चों को स्कूल छोड़ने के लिये आपके पास टाइम है पर बूढ़ी मां कहे कि चलो मुझे भी दर्शन करा लाओ व तुम भी कर लेना तो आपका मन खराब हो जाता है,आफत लगती है।
पिछले जन्म में बहुत प्रार्थना की थी,हाथ जोड़े थे,माथा पटका था कि हे भगवान अगले जन्म में जैन कुल में पैदा करना और अब पैदा होने के बाद आपके पास समय नहीं है उस भगवान के दर्शन के लिए भी,बुद्धि विवेक नहीं है जैन कुलाचार पालन के लिये तो आप ही बताओ कि अगला जन्म फिर जैन कुल में मिलेगा?
यह नर भव फिर मिलन कठिन है।
एक जिनेन्द्र भक्ति मात्र ही संसार सागर से पार करने के लिए पर्याप्त है।मेंढक फूल की एक पंखुड़ी लेकर के लिये समवशरण की ओर गमन करता है तो मृत्यु को प्राप्त होने पर देवगति को प्राप्त हो जाता है भक्ति भावना के फल मात्र से।वो तो जानवर था आप तो मनुष्य हो।मुश्किल से मानव पर्याय मिली है इसे बर्बाद न करो व्यर्थ में।
तो आज से हीमन बनाओ,
संकल्प करो नित्य देव दर्शन का
बिना इसके कल्याण होने वाला नहीं।आपका आज का गुरुवार आपको गुरु से जोड़े,गुरु कृपा आपके ऊपर बरसती रहे ऐसा मंगल शुभ आशीर्वाद✋✋✋-वर्णी क्षुल्लक सहज सागर कुंजवन 3अगस्त
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