जश्न मनाते जीत का,
मन में उठे उमंग।
नाचें गाएं खूब हम,
देख हुए सब दंग।।1।।
चंद्रयान उतरा सही,
खुशी हुई भरमार।
जश्न मनाया देश में,
मोदक बटे अपार।।2।।
खुशी हुई त्यौहार सम,
जमा देश में रंग।
इसरो ने किया कमाल,
रहे देखते दंग।।3।।
दिवाली पर चल रहे,
बंम पटाखे आज।
जश्न मनाते साथ ही,
बनते सारे काज।।4।।
रक्षाबंधन आ रहा,
बहनों का त्यौहार।
राखी बांधे प्रेम से,
जश्न मनाओ यार।।5।।
मना देश में जश्न है,
विजय चांद पर पाए।
मिले खबर अब चांद से,
सब हर्षित हो जाए।।6।।
ढोल ढमाके बज रहे,
हर्षित हैं नर नार।
शादी का माहौल है
जश्न मना रहे यार।।7।।
मन मयूर सा नाचता,
बादल गरजे खूब।
गरज गरज बिजली गिरे,
जश्न मनाती दूब।।8।।
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डॉ. सुरेश चतुर्वेदी "सुमनेश"
नमक कटरा भरतपुर राज़
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