डीजे के शोर में लुप्त होती पारंपरिक * वाद्य यंत्रों की मधुर धुन..*


                         शहनाई, वीणा,मुरली,तबला, ढोलक, आदि अनेकों पारंपरिक वाद्य यंत्र है,जो भारतीय  संगीत को मधुरता प्रदान करते हैं. भारत मे लोक एवं क्षेत्रीय भाषा में गाए जाने  वाले विभिन्न गीतों को विभिन्न वाद्य यंत्रों के संगीत उन गीतों को सुरमधुर कर्ण प्रिय बनाते है. मध्यम से तीव्र और तीव्र से मध्यम  हर लय पर सुखद मधुर अहसास होता है. देश विदेशों से आने वाले पर्यटक भी पारंपरिक वाद्य यंत्रों का संगीत सुन मंत्रमुग्ध हो आकर्षित होते हैं.

               विडंबना है कि वर्तमान में बढ़ते डीजे संस्कृति ने इन पारंपरिक मधुर संगीत की धुन औऱ कान फोड़ू, करकश तेज आवाज ने स्थान ले लिया, किसी रैली जुलूस धार्मिक यात्रा शादी विवाह में आजकल एक डीजे से तो काम ही नहीं चलता कम से कम दो या दो से अधिक डीजे होते हैं अगर ऐसे में अलग-अलग दल हो तो उसमें प्रतिस्पर्धा बेहतरीन और तेज आवाज वाले डीजे की होती है । अमूमन देखा भी जाता है, कानफोडू आवाज के साथ अवसर की मर्यादा भी धीरे-धीरे समाप्त होती जाती है धार्मिक जुलूस मे कर्णप्रिय भजनों की भक्ति में भक्ति  नृत्य की सुंदरता का स्थान फिल्मी गानों की अभद्रता लेने लग जाती है एवं धार्मिक अवसरों पर ऐसा होना धार्मिक आस्थाओं को गहरा आघात पहुंचाता है साथ ही ध्वनि प्रदूषण भी  फैलाता है!जो गहन चिंतन का विषय है.

              हाल ही के दिनों में देखा जा रहा है जिस निमाड़ की लोक संस्कृति से जुड़े भगोरिया पर्व का आगाज हो चुका है ऐसे में कुछ संगठनों द्वारा भगोरिया पर्व पर डीजे पर प्रतिबंध हेतु प्रयास किए जा रहे हैं जो बहुत ही अनुकरणीय एवं प्रशंसनीय प्रयास है!पारंपरिक परिधानों में सजे आदिवासी जब,ढोल मांदल की थाप पर एक साथ एक से कदमो से थिरकते हैं ,और फिजा को रंग बिरंगा करते हैं तब तब उनका पूरा समूह सुंदर आकर्षण का केंद्र होता है हर कोई उनके साथ थिरकने लग जाता है. आज निमाड़ का भगोरिया अपनी इस परंपरागत शैली से ही प्रसिद्धि पा रहा है! जो कि संपूर्ण निमाड़ वासियों के लिए बहुत ही गर्व की बात है!

             ऐसी ही बातों का अनुसरण करते हुए आज हमारी युवा पीढ़ी को अपनी भारतीय संस्कृति और सभ्यता के प्रति सजग एवं जागरूक होने की  आवश्यकता है! वास्तव मे तो..संस्कृति का संवाहक ही सच्चा राष्ट्र भक्त है!



बरखा विवेक बड़जात्या

बाकानेर, जिला धार

मध्य प्रदेश

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