जैन प्रतिनिधि मंडल ने किया रायपुर संग्राहलय की तीर्थंकर प्रतिमाओं का अवलोकन


श्री भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थ संरक्षिणी महासभा एवं निर्ग्रन्थ सेंटर फॉर आर्कियोलाजी के संयुक्त तत्वावधान में अमेरिकन आर्कियोलॉजीकल एस्टीट्यूट की तर्ज पर अक्टूबर के तीसरे शनिवार (21 अक्टू 2023) को मनाये जा रहे विश्व पुरातत्व दिवस के अवसर पर श्री भारतवर्षीय दिगम्बर जैन महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कैलाश रारा के नेतृत्व मे जैन समाज के एक प्रतिनिधि मंडल ने महंत घासीसीदास संग्राहलय रायपुर मे जाकर वहां की तीर्थंकर प्रतिमाओं का अवलोकन किया तथा संस्कृति विभाग के उपनिदेशक प्रताप पारख एवं संग्राहलय के क्यूरेटर प्रभास सिंह के साथ बैठक कर छत्तीसगढ़ में स्थान स्थान पर संग्रहीत जैन तीर्थंकर प्रतिमाओं की उचित देखरेख एवं सुरक्षा के साथ साथ जैन पुरा निधि के व्यापक अन्वेषण के सम्बंध में विस्तृत चर्चा की।

चर्चा मे श्री रारा के द्वारा छत्तीसगढ़ मे जैन संस्कृति की धरोहर पर पुस्तक लिखने के संकल्प के साथ अंचल की असंरक्षित पड़ी जैन पुरानिधी की उचित सुरक्षा के लिए संग्राहलय बनाने की रूपरेखा पर विचार मंथन किया गया।


श्री रारा के अनुसार ईसा से दूसरी शताब्दी पूर्व से उपलब्ध प्रमाणों के साथ जैन धर्म के 24 तीर्थंकरो में से 15 तीर्थंकरो की पुरातात्विक महत्त्व की प्रतिमायें उपलब्ध है। 


रायपुर संग्राहलय में डाहल क्षेत्र की 33, रतनपुर की 6 तथा सिरपुर की 1, इस प्रकार 40 तीर्थंकर प्रतिमायें विद्यमान है।


तीर्थंकर प्रतिमाओं के अतिरिक्त बिलासपुर संग्राहलय में रतनपुर से प्राप्त भगवान बाहुबलि की प्रतिमा तथा मल्हार में चर्तुविंशती जिन पट्ट संग्रहीत है। 


छत्तीसगढ़ में बकेला तीर्थ की भूमि रेवन्यू रिकार्ड में जिनेन्द्र देव के नाम से दर्ज है तथा बस्तर में जिनग्राम, गुंजी को ऋषभ तीर्थ तथा अमरकंटक क्षेत्र को ऋषभ क्षेत्र के ऐतिहासिक पौराणिक नाम से जाना जाता है। यहां पर 5वीं 6ठी शताब्दी में आरंग में राजऋषितुल्य कुल के जैन राजा हुए है।


आरंग में ही भूमिज शैली का एक मात्र जैन मंदिर संरक्षित है, जिसमें जैन धर्म के सोलहवें तीर्थंकर शांतिनाथ, ग्यारहवें श्रेयांसनाथ तथा चौदहवें अनंतनाथ भगवान की गहरे हरे ग्रेनाइट की  खडगासन प्रतिमायें अवस्थित है।

इस अवसर पर श्री रारा एवं प्रतिनिधि मंडल के सदस्य भरत जैन एवं मनीष जैन ने श्री भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थ संरक्षिणी महासभा के द्वारा विश्व स्तर पर किये गये जैन पुरा अनुसंधान कार्य की जानकारी प्रदान करने हेतु एक पुस्तक डिप्टी डायरेक्टर प्रताप पारख को भेंट की।


-कैलाश रारा 

संयोजक छ.ग. प्रान्त

अंतरराष्ट्रीय पुरातत्व दिवस अभियान

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