मौसम कितना बदल गया
हर पत्ता पीला-पीला है
बारिश की बूँदों में भीगा
सब लगता गीला-गीला है l
ठिठुर रहीं हैं चिड़ियाँ बैठी
जब सर्द हवा चल पड़ती है
गाँवों में सूखे पत्तों को बटोर
आग अलाव में जलती है l
सर्दी के मारे सब पशु-पक्षी
कहीं जंगल में छुप जाते हैं
इधर-उधर वह भटक-भटक
आश्रय विहीन रह जाते हैं l
तब ढूँढ-ढूँढ कर कहीं से वह
तिनके बटोर कर लाते हैं
और खाना संचित करने को
कुछ अपने नीड़ बनाते हैं l
-शन्नो अग्रवाल
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