गुरु महिमा

  डा. राजलक्ष्मी शिवहरे 

    पहली गुरु मां ।

    बहुत कुछ सिखाया उन्होंने।

    पिता भी गुरु।

    संसार में रहना कैसे।

    सीखा उनसे बहुत।

    भाइयों ने हर पल सिखाया 

    जहां भी गणित में अटके

    क्लास में रुतबा था।

    फिर तो बाबाजी ने 

    भी सब सिखाया।

    बाद में गुरुजी ने

    बोलना सिखाया।

    जो कुछ हैं वो सब

    गुरुओं की महिमा है।

    तराशा, सहलाया कभी

    डांट भी पड़ी परंतु 

    प्यार भी मिला।

    सभी को जिनसे सीखा।

    कोटि-कोटि नमन।


No comments:

Post a Comment

Featured Post

महावीर तपोभूमि उज्जैन में द्वि-दिवसीय विशिष्ट विद्वत् सम्मेलन संपन्न

उज्जैन 27 नवम्बर 2022। महावीर तपोभूमि उज्जैन में ‘उज्जैन का जैन इतिहास’ विषय पर आचार्यश्री पुष्पदंत सागर जी के प्रखर शिष्य आचार्यश्री प्रज्ञ...

Popular