सपने पूरे हो मन के

 


चारों तरफ खुशहाली छाए, 

दीप जलें खुशियों के। 

मनवांछित फल मिलें सभी को

सपने पूरे  हों  मन के। 

देश बढे  प्रगति पथ पर, 

मार्ग खुलें हो रोजगार के। 

सबको मिले रोटी, वस्त्र और मकान, 

स्वस्थ रहे  हर एक इंसान।

नेककर्म होंसब जन के, सपनेपूरे हों मन के। 


गीत प्रेम के सबमिल गायें

देश प्रेम में सब खो जाएं। 

चारों तरफ हो  चैनो अमन

बंसी की धुन में हों मगन

देश भक्ति के स्वर छ्नके। 

सपने पूरे............... 

जाति धर्म का भेद नहीं हो

भाई भतीजावाद नहीं हो। 

चोरी, हत्या, पाप दूर हों, 

वेवजह वाद विवाद नहीं हो।

चले सभी सीना तन के, 

सपने......... 

राम राज्य हम ले आयें

गांधीजी का स्वप्न सजायें

मानवता की राह पकड़ के

देश को उत्तम पथ दिखलायें। 

खुशियाँ छलकें तन मन से

सपने पूरे हों मन के। 

पूनम शर्मा, पूर्णिमा। 








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